हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत 21 नए पुलों का निर्माण होगा। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 140.90 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। जानिए कौन-कौन से जिले होंगे लाभान्वित और किन स्थानों पर बनेंगे पुल।
हिमाचल में बनेंगे 21 पुल (प्रतीकात्मक तस्वीर)
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) चरण-3 के तहत हिमाचल प्रदेश में 21 पुलों का निर्माण होगा। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इन पुलों के निर्माण के लिए 140.90 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। लोक निर्माण विभाग को मंगलवार को परियोजना प्रस्ताव की मंजूरी का पत्र प्राप्त हो गया है। इसमें 126.81 करोड़ रुपये की राशि ग्रामीण विकास मंत्रालय और 14.09 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार वहन करेगी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) चरण-3 के तहत हिमाचल प्रदेश में 21 पुलों का निर्माण होगा। इसमें हमीरपुर जिले में छह, कांगड़ा सात, कुल्लू दो, लाहुल-स्पीति पांच व मंडी में एक पुल का निर्माण होगा।
इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुलों को उन्नत किया जाएगा ताकि सड़क संपर्क में सुधार किया जा सके। हमीरपुर जिले में बसी से सरकाघाट मार्ग पर चैंथ खड्ड, सीर खड्ड और लिंडी खड्ड पर पुलों का उन्नयन किया जाएगा। इसके अलावा, बक्कर खड्ड, जमली खड्ड और घुडविन खड्ड पर पुलों का भी विकास किया जाएगा। जिले के अन्य महत्वपूर्ण पुलों में लाल घर नाला, मंजही खड्ड, देही खड्ड, धलियारा खड्ड, मनेड खड्ड और कहुली खड्ड पर पुलों का उन्नयन भी प्रस्तावित है। कांगड़ा जिले में मौल खड्ड पर 40 मीटर लंबा पीएससी बॉक्स गर्डर पुल बनाया जाएगा, जबकि कुल्लू जिले में संज खड्ड पर दो स्टील ट्रस पुलों का उन्नयन किया जाएगा। लाहुल-स्पीति जिले में चौखांग नाला, चेनाब नदी, किशोरी नाला, तैलिंग नाला और मूरिंग नाला पर पुलों को अपग्रेड किया जाएगा। मंडी जिले में पंडोह में ब्यास नदी पर 110 मीटर लंबे डबल-लेन मोटरेबल पुल का उन्नयन किया जाएगा।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इन परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दी गई है ताकि निर्माण कार्य में उच्चतम गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। राज्य सरकार पुल निर्माण से पहले जलग्रहण क्षेत्र की गणना, हाइड्रोलिक डेटा, भू-तकनीकी जांच और संरचनात्मक डिजाइनों का सत्यापन करेगी। इसके अलावा, परियोजना कार्यान्वयन की निगरानी के लिए विशेषज्ञों से युक्त एक पुल प्रबंधन प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।