हिमाचल सरकार ने शिक्षा विभाग का पुनर्गठन किया, जिससे ‘निदेशालय स्कूल शिक्षा’ और ‘निदेशालय उच्च शिक्षा’ का गठन हुआ। जानें इस बड़े फैसले के प्रमुख बिंदु।
हिमाचल सरकार ने शिक्षा विभाग को दो निदेशालयों में विभाजित किया (News Himachal)
हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Govt) ने शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी और सुचारू बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार किया है। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद सरकार ने शिक्षा विभाग के पुनर्गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। इस फैसले के तहत शिक्षा विभाग को दो अलग-अलग निदेशालयों में विभाजित किया गया है – ‘निदेशालय स्कूल शिक्षा‘ और ‘निदेशालय उच्च शिक्षा‘।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 28 मार्च 2025 को इस निर्णय को मंजूरी दी गई थी। यह निर्णय बुधवार से तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। और सरकार के अनुसार इससे शिक्षा प्रणाली की दक्षता में सुधार होगा।
अब तक कार्यरत ‘निदेशालय प्रारंभिक शिक्षा’ को पुनर्गठित करके ‘निदेशालय स्कूल शिक्षा’ का नाम दिया गया है। यह निदेशालय अब बाल वाटिका (प्री-नर्सरी) से लेकर कक्षा 12वीं तक की संपूर्ण स्कूली शिक्षा की देखरेख करेगा। वहीं ‘निदेशालय उच्च शिक्षा’ को राज्य में सभी महाविद्यालयों और उच्च शिक्षा से जुड़े समस्त मामलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सरकार का कहना है कि शिक्षा विभाग के इस पुनर्गठन का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाना और कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाना है। स्कूल और उच्च शिक्षा के अलग-अलग निदेशालय बनने से संबंधित विभागों में प्रशासनिक सुगमता आएगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है।
इस महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव को प्रभावी ढंग से लागू करने और स्टाफ के सुचारू हस्तांतरण की निगरानी के लिए सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता प्रदेश सरकार के शिक्षा सचिव करेंगे। समिति में स्कूल शिक्षा निदेशक, उच्च शिक्षा निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति सुनिश्चित करेगी कि सभी आवश्यक प्रक्रियाएं बिना किसी बाधा के समयबद्ध तरीके से पूरी हों।
इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार, हिमाचल नियम, 2011 में संशोधन करने का भी निर्णय लिया है। इसके तहत पांचवीं और आठवीं कक्षा के अंत में परीक्षा आयोजित करने के प्रावधान शामिल किए जाएंगे। अगर विद्यार्थी प्रमोशन के मापदंडों को पूरा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें परिणाम घोषित होने के दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा के लिए अतिरिक्त अवसर प्रदान किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने तकनीकी शिक्षा विभाग में शिक्षकों के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पुरस्कार योजना शुरू करने का भी निर्णय लिया है। इस योजना के तहत छह श्रेणियों में कुल 10 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। ये पुरस्कार अकादमिक उत्कृष्टता, अनुसंधान एवं विकास, सामुदायिक जुड़ाव और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश में बाल देखभाल संस्थानों में 15 वर्ष या उससे अधिक समय से रह रहे परित्यक्त बच्चों को हिमाचली प्रमाण-पत्र जारी करने की अनुमति देने का भी फैसला किया है। इससे इन बच्चों को नौकरियों के लिए आवेदन करने और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
इन सभी महत्वपूर्ण निर्णयों से हिमाचल प्रदेश में शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है। विशेष रूप से शिक्षा विभाग के पुनर्गठन से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होने और प्रशासनिक कार्यों में अधिक कुशलता आने की संभावना है।